---'लग्या रा, कुछ बूणा दूं'----
बाबा तै टोपळी बूणा,
कबारि-कबारि पकड़ा स्यूंणा,
हाथ-खुटि हळा दूं,
कुळा-दाथुडा पळ्या दूं।
कबारि-कबारि पकड़ा स्यूंणा,
हाथ-खुटि हळा दूं,
कुळा-दाथुडा पळ्या दूं।
भलि करी मोरेतै
तेज गाड पांण दू
चुचो सुदि बेकार ना रो
ब्यवस्था बदन्ने ठाण दू।
तेज गाड पांण दू
चुचो सुदि बेकार ना रो
ब्यवस्था बदन्ने ठाण दू।
साग सब्जी लगोदू
पसीने फसल उगोदू
आलू दौऽ आलू लगा,
अफु भी खा, होरू पुगा !
कुछ त जंत-जोड़ करा,
रीता भंडा भौरा दूं।
पसीने फसल उगोदू
आलू दौऽ आलू लगा,
अफु भी खा, होरू पुगा !
कुछ त जंत-जोड़ करा,
रीता भंडा भौरा दूं।
कखि भीडा चींणा दूं,
विकासे गिन्ती गींणा दूं,
सुदि धुंधकारि ना बणा,
मन मा रखा धीर दूं।
विकासे गिन्ती गींणा दूं,
सुदि धुंधकारि ना बणा,
मन मा रखा धीर दूं।
छानू-छिपरू आलस मा,
सुभो भलू संतर्या दूं,
कुळै बीच लिक्वाळ जन,
झपझपि डाळि बणा दूं।
सुभो भलू संतर्या दूं,
कुळै बीच लिक्वाळ जन,
झपझपि डाळि बणा दूं।
चलकदा सी, पात बणा,
भला जसिला हाथ बणा,
आंखा ड्यबळा घुमा दूं,
नै समाज बणा दूं।
भला जसिला हाथ बणा,
आंखा ड्यबळा घुमा दूं,
नै समाज बणा दूं।
ब्याखुनि सब्योर घौर आवा,
दारू धुक-धुकि मा ना रावा,
नौना-नौनी पढावा दूं,
सुक्येळि जिंदगी बणावा दूं।
दारू धुक-धुकि मा ना रावा,
नौना-नौनी पढावा दूं,
सुक्येळि जिंदगी बणावा दूं।
समाजा कुजाळ बटि,
बेटी-ब्वार्यूं बचा दूं,
बिरांणि बेट्यू सम्मान कन,
नौन्याळू तै भी सिखा दूं।
बेटी-ब्वार्यूं बचा दूं,
बिरांणि बेट्यू सम्मान कन,
नौन्याळू तै भी सिखा दूं।
राजनीत्या पाठ पढ़ी,
विकासे गंगा बगा दूं,
रीता होंदा जख पाड,
रोजगार फैक्टरी लगा दूं।
विकासे गंगा बगा दूं,
रीता होंदा जख पाड,
रोजगार फैक्टरी लगा दूं।
वोट बै बिकळांदा मतदाता,
थमा-थामी करा दूं,
विकासे चौं यन मजबूत बणां,
कि निर्विरोध बणा दूं।
थमा-थामी करा दूं,
विकासे चौं यन मजबूत बणां,
कि निर्विरोध बणा दूं।
बाबे कांधि खप्सा दूं,
ब्वेतै अंगुडि सिला दूं,
गौंमा यखुळि बूढ-बुड्या,
कबरि तौं बि मिला दूं।
ब्वेतै अंगुडि सिला दूं,
गौंमा यखुळि बूढ-बुड्या,
कबरि तौं बि मिला दूं।
अश्विनी गौड----- दानकोट रूद्रप्रयाग ----
0 टिप्पणियाँ
यदि आप इस पोस्ट के बारे में अधिक जानकारी रखते है या इस पोस्ट में कोई त्रुटि है तो आप हमसे सम्पर्क कर सकते है khudedandikanthi@gmail.com या 8700377026