हालाते-हाजरा
जै पर भी बाँधणा अपुड़ी आस,
स्वै त्वण्णूँ हमारू विश्वास।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,
तैई पर औंणी बदबू-बास।
जु समझी हमुन नजिली पुंगड़ी,
तख निकळी मळ्सू पसर्यूं स्यमार।
आम आदिमे गाँण हुन्दी छै जख,
तख निकळ्या सभी खासम ख़ास।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
कैकी गिनती पन्दरा लाख,
जपणूँ क्वै बोतौर हजार।
काम-धन्धे कखी बात नी,
फिर्यू गिजै कना ज्वन्यूँ नाश।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
न काळी भल्ली तबार छै,
न ग्वौरी दूधे धुईं अबार च।
एकी तोल्या खन्द्यौर सभी,
सभी जलेब्यूँ कु यखू चास।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
पोस्टर चिपकौंणी ज्वन्नी संगती,
मिल्यूँ अज्यलू मौसमी रोजगार।
कळ्यजी-कछमोळी तीनि टैम,
बीच-बीच मा चलणूँ दारू-ताश।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
ग्वौंणी अपड़ी पुछड़ी छोटी देखणाँ,
हैके टाँग खैंचणाँ रात-दिन।
भगवान सब्यूँ का अपड़ा-अपड़ा,
जौ की जगा जामणूँ घास।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
बिना लठ्ठा चौकीदार क्वै,
क्वै बिना बर्दी का थाणेदार।
बड़ा-बड़ा सफेदपोश हुयाँ,
आजकल हमारा-तुमारा सब्यूँ का दास।
जैई समझणाँ बुग्याळी कौंळ,तैई पर औंणी बदबू-बास।
सर्वाधिकार सुरक्षित-©नन्दन राणा®
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