बड़ी मौ
आपदा माँ कूड़ा हमारा टूट्या,अर बड़ी मौ का बण्यां वबरा बौन।
नाज पाणी हमारू बौगी,
क्विंटला-क्विंटल भौर्या तौंन।
दल-बल बडू भारी तौंकू।
नकली कार्ड मा अंत्योदये राशन,
आठ अवास कूड़ू इंदिरा आवास लोन।
चार-सार हथ्यौंण मा फर्जण्ट सि,
वौडू सन मा बौड्यू पैलू नंबर।
भूकम्प मा अईं प्लास्टिक बीस बल्टी,
फैड़ा तौळा बाथरूम मा भौरी तौंन।
कखी दारू त कखी लिफाफा,
यन जुगत भिड़ै सि परधान बण्याँ।
कै खवाई कळ्येजी-कछमोळी,
जमीर ब्येची सरी गंवाड़ी ह्वैगी मौन।
कैमू लगौणी गौं की बिपदा,
यखा बटा पर चलणीं चर-चर योजना।
कभी कै अफसरन जरा बाच ख्वौली,
झट ब्वली ह्वै जलू साब किलै कना दौंन।
ऐसू आयी आँगनबाड़ी पोस्ट गौं मा,
स्यटिंग करी ब्वारी कार्यकर्तीं बणाई।
बाल-पोषाहारे अब द्वबाँटीं ह्वौणीं,
जलागमा नळ्खा यराँ देबों जख जौंन।
ज्यूँदा पराण दादी पाणी तक नि पूछी,
मना बाद बरसी भागवत कराई तौंन।
ब्यास जी भी द्यौश बिटिन छा बल अयाँ,
पता नि भै यती खर्चा किलै करी होलू तौंन।
पैली त साळी पर भी ताळी रौंदी छै लगीं,
पर आजकल बदलीं च तौंकी टोन।
सुण्ण मा आयी कि फ्येर परधानी पर टक्क च लगीं,
माहौल बणौंणों रात-ब्यरात जख-तख होंणा फोन।
अगल-बगल यनी बड़ी मौ पछ्याँणा भयौ,
एकजुट ह्वैक यों तैं सबक सिखावा।
जमीर अपड़ू बिकण न द्यया,
नतर सरा गौं-मुल्क कालिख लगौंण यौन।
हम न गणती मा न गाँण मा,
सुदी लग्यां बड़ी मो की धाँण मा।
बेगारा कुली मजदूर ह्वयाँ हम,
भागशाली ह्वयाँ तौंक़ी डेळी जाँण मा।
सि चकड़ीत त सदानि बिटिन रैन,
फसका फसकी काम करौंदी रैन।
बेअकला हम छा जु तौंकी ढंग बींग्या नी,
सि कैका नी देखी भी माँणा नि रैन।
सर्वाधिकार सुरक्षित-नन्दन राणा
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