लेखी-लेखी की करू क्या? पहाड़ तब भी बर्बाद हूणु चा, लिखण वलु की कमी नि पहाड़ मा। गायी-गायी की करू क्या? पहाड़ तब भी धै लगाणु चा, गाण वलु की कमी नीच पहाड़ मा। समझै-समझै की करू क्या? पहाड़ तब भी नि बुथेणु चा…
खून राजपूताना है मेरा उबाल तो मारेगा मत कर मजबूर ऐ काफ़ीर तलवार जो एक बार निकली म्यान से तो खुद को बचाने कहा तक फिरेगा निशान न तेरा अब नक्शे पर कही रहेगा इतिहास गवाह है तुम्हारी बर्बादी का क्यों तू खु…
चकबन्दी कु समर्थन जरूरी च चकबन्दी ही पहाड़ो कु सारू च, चकबन्दी व्है जाली जू पहाड़ो मा त इतगा ही हम खुणि खार्यूं च, उजड़दा यू पहाड़ो थै समलण जरूरी च इलैयी दगड्यों चकबन्दी कु समर्थन जरुरी च। एक ही समणी होल…
बिक गए है उत्तराखण्ड के नेता अब जनता को भी बेचने लगे है पेट अभी भी इनका भरा नही पहाड़ी पराये और विदेशी इनके सगे है पहाड़ के हर पत्थर हर पेड़ गवाही दे रहा इन नेताओ के हाथ हमारे खून से रंगे है लूट सके तो …
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