ये कविता उन भाइयो को लिए जो शराब पी बर्बाद हो रहे है। काश उन्हें भी ये कविता पढ़ने का समय मिल पाता!!!!!!!!!!!!!!!!!!! पी जाते हो शराब हज़ारो की बस थोड़ा सा ख्याल रखना उन लाचारों की बोतल तोड़ फेंक न देना …
चला दगड़यों गांव मा मकान जो सूना छी ऊ थै अब घर हम बणौला खौंदार हुई वू कुड़्यो थै फिर से सजौला घर कु आँगन थै नौना बालो की किलक्वारी से गुंजौला चकबन्दी कु सैलाब अयु चा चला दगड़यों हम भी तौरी जौला। छोड़ी की…
कहानी मेरी कुछ अज़ीब होगी तुझसे शुरू है तुझपर ही ख़त्म होगी चाहता हूँ मैं तुझे किस कदर कैसे बताऊ तुझे ऐ मेरे हमसफ़र। गई गर तू मुझे छोड़कर तो देख लेना तुझसे पहले रुख़स्तगी मेरी होगी वहा भी राहो में फूल बिछ…
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