नमस्कार दोस्तों कोरोना महामारी के चलते आज देश दुनिया की क्या परिस्थिति है इससे आप हम सभी भलीभांति परिचित है,
दोस्तों हम कोरोना पीड़ित के परिवार की स्थिति तो बयान कर रहे है लेकिन जो इस महामारी से स्वयं गुजरा है या गुजर रहा है उसपर क्या बीत रही होगी अपनी इस रचना में प्रयास किया है उसकी मन: स्थिति कैसी होगी, वो
क्या सोचता होगा सोचकर देखिएगा और अपने विचार जरुर प्रकट कीजियेगा।
डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में सुनकर.....
क्या कहा डॉक्टर मैं समझा नही!
डॉक्टर एक बार फिर से देखो
ऐसा नही हो सकता डॉक्टर
आखिर मुझे! कैसे???
मैं तो........मैं......मैं तो.....
मैं तो कही गया भी नही हूं।
मुझे बचा लो डॉक्टर मुझे बचा लो
मैं अभी.... मैं अभी नही.....
मैं अपने परिवार को नही छोड़ सकता
मेरे बाद कोई नही उनका
क्या करेंगे वो? कौन देखेगा उनको?
आखिर मेरी गलती क्या थी?
मैंने तो सभी बातों का ध्यान रखा
फिर भी मुझे और मेरे परिवार को!
थाली बजाने को बोला थाली बजाई
अंधेरा करके मोबतियाँ भी जलाई
घर से बाहर तक नही गया
अब अस्पताल में भर्ती कर दिया वहां लेटा हुआ सोच रहा.....
हे भगवान क्या होगा मेरे बाद मेरे पीछे मेरे बूढ़े माँ बाप का?
क्या होगा मेरे छोटे छोटे बच्चों का ?
कैसे रहेगी मेरे बिना जिसे मैंने वचन दिया था हमेशा साथ निभाने का?
किस्से से रूठेगी अब वो बहन जो अक्सर मुझसे रूठ जाया करती थी?
मेरी माँ जिसके जिगर का टुकड़ा था मैं
बिन जिगर के कैसे खुद को संभालेगी वो माँ
जिसने अपनी जान से बढ़कर हिफाज़त की थी मेरी
कैसे सहेगा वो बाप इस दर्द को?
खुश हो जाते है शाम को मुझे दरवाजे पर देख
न देखकर क्या वो नौनिहाल मेरे मुझे भुला पाएंगे?
जब भी मूवी देखने जाएंगे तो
बीच मे खाली सीट देख क्या वो दोस्त मेरे अपने आंसू रोक पाएंगे?
नही भगवान नही मैं अभी नही मरना चाहता हूं भगवान
मुझे..... मुझे अभी मुझे मेरे
कुछ सपने है ओ पूरे करने है
मेरे वादे है जो पूरे करने है
अभी नही भगवान अभी नही
और जोर जोर से रोते हुए दम तोड़ दिया.............
अनोप सिंह नेगी खुदेड़
9716959339
दोस्तों हम कोरोना पीड़ित के परिवार की स्थिति तो बयान कर रहे है लेकिन जो इस महामारी से स्वयं गुजरा है या गुजर रहा है उसपर क्या बीत रही होगी अपनी इस रचना में प्रयास किया है उसकी मन: स्थिति कैसी होगी, वो
क्या सोचता होगा सोचकर देखिएगा और अपने विचार जरुर प्रकट कीजियेगा।
डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में सुनकर.....
क्या कहा डॉक्टर मैं समझा नही!
डॉक्टर एक बार फिर से देखो
ऐसा नही हो सकता डॉक्टर
आखिर मुझे! कैसे???
मैं तो........मैं......मैं तो.....
मैं तो कही गया भी नही हूं।
मुझे बचा लो डॉक्टर मुझे बचा लो
मैं अभी.... मैं अभी नही.....
मैं अपने परिवार को नही छोड़ सकता
मेरे बाद कोई नही उनका
क्या करेंगे वो? कौन देखेगा उनको?
आखिर मेरी गलती क्या थी?
मैंने तो सभी बातों का ध्यान रखा
फिर भी मुझे और मेरे परिवार को!
थाली बजाने को बोला थाली बजाई
अंधेरा करके मोबतियाँ भी जलाई
घर से बाहर तक नही गया
अब अस्पताल में भर्ती कर दिया वहां लेटा हुआ सोच रहा.....
हे भगवान क्या होगा मेरे बाद मेरे पीछे मेरे बूढ़े माँ बाप का?
क्या होगा मेरे छोटे छोटे बच्चों का ?
कैसे रहेगी मेरे बिना जिसे मैंने वचन दिया था हमेशा साथ निभाने का?
किस्से से रूठेगी अब वो बहन जो अक्सर मुझसे रूठ जाया करती थी?
मेरी माँ जिसके जिगर का टुकड़ा था मैं
बिन जिगर के कैसे खुद को संभालेगी वो माँ
जिसने अपनी जान से बढ़कर हिफाज़त की थी मेरी
कैसे सहेगा वो बाप इस दर्द को?
खुश हो जाते है शाम को मुझे दरवाजे पर देख
न देखकर क्या वो नौनिहाल मेरे मुझे भुला पाएंगे?
जब भी मूवी देखने जाएंगे तो
बीच मे खाली सीट देख क्या वो दोस्त मेरे अपने आंसू रोक पाएंगे?
नही भगवान नही मैं अभी नही मरना चाहता हूं भगवान
मुझे..... मुझे अभी मुझे मेरे
कुछ सपने है ओ पूरे करने है
मेरे वादे है जो पूरे करने है
अभी नही भगवान अभी नही
और जोर जोर से रोते हुए दम तोड़ दिया.............
अनोप सिंह नेगी खुदेड़
9716959339
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