हैंसदी रै ख्यल्दी रै,
टिकुली बिंदुली चमकदी रै,
मुंड मा सिंदूर तेरो,
फूलु सी डाली हैंसदी रै।
द्वी हथी चुडयुं न भरै,
हतेली मा मेहंदी रचदी रैन,
नाक मा फुल की चमक,
खुट्य माुं पैजीब बजदी रैन।
हैंसदी रै ख्यल्दी रै,
टिकुली बिंदुली चमकदी रै,
देवी दयबतों की दीदी भुली
आशीर्वाद तुमतै मिलणा रैन।
घर ह्वा या परदेश स्वामी,
सुखी श्यांदी रखणा रैन,
तेरी दुनिया की डाली मा दीदी,
खुशियों क फूल लगदी रैन।
तेरी जुनी सी ऊज्याली मुखडी,
मुल मुल हैंसदी रैन,
हैंसदी रै ख्यल्दी रै,
तेरी टिकुली बिंदुली....
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया) व खुदेड़ डाँडी काँठी की करवाचौथ पर दीदी भूल्युं कुन सादर सप्रेम भेंट।
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