कुंड़जू जिसे छमारा भी कहते है। यह पौधा artemisia(नागदाना) के नाम से भी जाना जाता है। ये एक प्रकार का पौधा है जो उत्तराखंड में काफी मात्रा में पाया जाता है। यह पौधा बहुत ही शुद्ध माना जाता है, इसीलिए उत्तराखंड में इस पौधे का उपयोग पूजा में किया जाता है। इस पौधे की खेती नहीं की जाती किन्तु फिर भी यह पौधा स्वयं ही पैदा हो जाता है। इस पौधे का इस्तेमाल देखा जाये तो गाँवो में लोग औषधि के रूप में भी करते है। जैसे की यदि बदन में खुजली हो जाती है तो, गौमूत्र में इसे मिलाकर बदन पर लगाया जाय तो खुजली ख़त्म हो जाती है।
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कुंड़जू |
खेत कुंड़जू |
अगले अंक में हम लेकर आयेंगे उत्तरखंड के एक वृक्ष की जिसे भीमल (भ्युल) (Grewia optiva) के नाम से जाना जाता है।
इस पौधे के बारे में मुझे इतनी जानकारी है यदि किसी को और अधिक जानकारी हो या मेरी कोई जानकारी गलत हो तो कृपया COMMENT के माध्यम से या E-MAIL के माध्यम से अवश्य सूचित करे।धन्यवाद।
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
ई-पत्ता -khudeddandikanthi@gmail.com
1 टिप्पणियाँ
बेहतरीन जानकारी हमें कुण्जु की खेती को बढावा देना चाहिये जिससे यहाँ का रोजगार बढे ।
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