औ लाटा ऐजा तू-----
जिकुडि खुदांई त्वे बिना ससांई
वौडा पछांण लोग,
पुश्ता पैरा सळयो
नै-नै उपज फसल उपजौ
------ औ लाटा ऐजा तू-----
अथाह धरती यख त्वे जागणी
बीज सीजणू माटा मगो
रोजगार की पौध डाल
हुण्त्यलू छंद यख पुर्यो।
-------- औ लाटा ऐजा तू -----
नाज का क्वन्का सिर्यो
साग अर भुज्जी लगो
टूटदि मकान्यूं चूं उगो
पाणी टूटी नैर सळयो।
-------- औ लाटा ऐजा तू -----
सूखदि यख फसल पण्यो
बगदू पाणी रोक लाटा
पुश्ता पैरा थामी धौर
अजकालु सळ्यो गौं का बाट्टा।
---------औ लाटा ऐजा तू --------
माना त्वेमा डिग्री भौत
पढैलिखै कु फर्जंट तू
तकनीकी यख छ्वीं लगौं
बिजनेस कुछ यन खुलो।
-------औ लाटा ऐजा तू --------
बगत ऐगि जब त्वे पडलू
पहाड़ तै नयु सृजन गढण पडलू
धिकार्या पहाड़े तरफा कूल खटै
माधो सिग जन बण्ण पडलू।
-------औ लाटा ऐजा तू --------
-------@अश्विनी गौड़ दानकोट अगस्त्यमुनि रूद्रप्रयाग ।
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